वेदों में वैज्ञानिक संचेतना

  • गायत्री तिवारी .
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Abstract

ज्ञानार्थक 'विद्' धातु से निश्पन्न 'वेद' शब्द का अर्थ ज्ञान है। यह ज्ञान समस्त आध्यात्मिक और लौकिक ज्ञान के स्रोत या आधार के रूप में है। इसे ईश्वरीय ज्ञान कहे या प्राचीनतम ऋषियों के द्वारा अपनी प्रतिभा से प्राप्त सत्य ज्ञान कहा जा सकता था। वैयाकरण लोग वेद शब्द का निर्वचन भाव अर्थ में ज्ञान या जानना' नहीं करके करण अर्थ में ज्ञान का साधन' करते हैं। विद्यते ज्ञायतेऽनेनेति वेदः जिसके द्वारा कोई ज्ञान प्राप्त किया जाय वही वेद है। वेद परम-प्रमाण अर्थात् आगम या भाब्द प्रमाण में उत्कृश्ट है। वेद से वह ज्ञान मिलता है जिसे प्राप्त करने के लिए अन्य कोई साधन इस जगत् में नहीं है।
Published
2021-12-27
Section
Research Article