रबी प्याज की वृद्धि एवं उपज पर शाकनाशी का प्रभाव

  • संजय कुमार सिंह सहायक प्राध्यापक, सब्जी एवं पुष्प विज्ञान, उ॰ म॰ वि॰, नूरसराय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर-बिहार
  • एस॰ के॰ चौधरी सहायक प्राध्यापक, उ॰ म॰ वि॰, नूरसराय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर-बिहार
  • सीमा . सहायक प्राध्यापक, उ॰ म॰ वि॰, नूरसराय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर-बिहार
  • विनोद कुमार सहायक प्राध्यापक, उ॰ म॰ वि॰, नूरसराय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर-बिहार
  • नेहा सिन्हा सहायक प्राध्यापक -सह-कनिष्ठ वैज्ञानिक, फल विज्ञान विभाग, एन॰सी॰ओ॰एच॰, नूरसराय, नालंदा

Abstract

तिरहुत कृषि महाविद्यालय, ढोली मुजफ्फरपुर में लगातार तीन रबी सीजन 2009 से 2012 तक प्याज में एक प्रयोग किया गया। यह प्रयोग नौ उपचारों और तीन पुनरावृत्तियों के साथ एक यादृच्छिक ब्लॉक डिजाइन का उपयोग करके आयोजित किया गया था। खरपतवार मुक्त उपचार में खरपतवार घनत्व और शुष्क पदार्थ में उल्लेखनीय रूप से कमी आई, इसके बाद यह कमी रोपण से पहले 0.30 किग्रा/हेक्टेयर ऑक्सीफ्लूरोफेन $ रोपाई के 40-60 दिन बाद एक निराई वाले उपचार में देखा गया। खरपतवार-मुक्त उपचार ने उच्चतम बल्ब वजन, पौधे की अधिकतम ऊंचाई, और अधिकतम बल्ब उत्पादन का प्रदर्शन किया, इसके बाद यह बढ़ोत्तरी रोपण से पहले 0.30 किग्रा/हेक्टेयर ऑक्सीफ्लूरोफेन $ रोपाई के 40-60 दिन बाद एक निराई वाले उपचार में देखा गया। परिणामश्वरुपयह निष्कर्ष निकाला गया कि कुल बल्ब उत्पादन के मामले में ऑक्सीफ्लोरफेन 0.30 किग्रा/हेक्टेयर $ रोपाई के 40-60 दिन बाद हाथ से निराई वाला उपचार सर्वोत्तम पाया गया।

Published
2023-10-10