भारत की विभिन्न प्रमुख चारा उत्पादन प्रणालियों का जल उत्पादकता मूल्यांकन

  • मृदुस्मिता देबनाथ भूमि एवं जल प्रबंधन विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर ,पटना (बिहार)
  • अकरम अहमद भूमि एवं जल प्रबंधन विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर ,पटना (बिहार)
Keywords: चारा फसल, शहरीकरण, जल उत्पादकता, सिंचाई

Abstract

भारत में शहरीकरण और आर्थिक विकास ने भोजन की आदत (शाकाहारी से मांसाहारी) को बदल दिया है। पशुओं के चारे उत्पादन के लिए अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। देश के घटते जल संसाधनों ने सिंचाई के पानी को मापने के लिए सिंचाई जल मीटर के कार्यान्वयन को और अधिक लोकप्रिय बना दिया है। भारत में मुख्य रूप से उगाए जाने वाले चारे में शामिल हैं: मक्का, जई, कोइक्स, एनबी हाइब्रिड, गिनी घास, लेग्युमिनस बरसीम, लोबिया आदि । चारे वाली फसलों की जल उत्पादकता 3 से 32 किलो/ घनमीटर तक भिन्न है। फ़ीड और चारा वर्गों में एक फ़ीड के भीतर जल उत्पादकता अत्यधिक परिवर्तनशील है और इसलिए क्षेत्र में उपलब्ध पानी के अनुसार फ़ीडिंग की सिफारिशें की जानी चाहिए।
Published
2022-03-31