प्राथमिक कक्षा के अध्यापकों की षिक्षा में मूल्य षिक्षा की उपादेयता
Keywords:
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Abstract
षिक्षा केवल कार्यक्षमता को बढ़ाने मात्र का साधन नहीं है। यह जनसाधारण की सहभागिता को व्यापक बनाने तथा व्यक्ति एवं समाज की समग्र गुणवŸाा के उन्नयन का एक प्रभावी उपकरण भी हैै। जनाधिक्य के कारण सरकार क्षेत्रीय, सामाजिक तथा लैंगिक असमानताओं को दूर करने हेतु षिक्षा की गुणवŸाा को सुधारने के संगठित प्रयास करने के लिए वचनबद्ध है, क्योंकि तेजी से बदलते घरेलू एवं वैश्विक परिप्रेक्ष्य को देखते हुए केवल मात्रात्मक विस्तार से वांछित परिणाम नहीं प्राप्त होंगे। स्कूल षिक्षा का असल उद्देश्य है राष्ट्र निर्माण में मानव क्षमता का भरपूर उपयोग करना इसके लिए जरूरी होता है सभी को एक समान षिक्षा मिले। यही वह मूल कारण है जिसने षिक्षा के प्रति कल्याण की दृष्टि को बदल कर अधिकार आधारित दृष्टिकोण प्रदान किया। इस प्रकार इन चुनौतियों के क्रम में षिक्षा की नींव प्रारम्भिक षिक्षा है जिसमें प्राथमिक एवं उच्चतर प्राथमिक षिक्षा दोनों शामिल हैं। प्रारम्भिक षिक्षा तक सबकी पहुँच हो, इसके लिए बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य षिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009, 1 अप्रैल, 2010 से लागु हुआ। नामांकन और हाजिरी बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य स्तर को सुधारने के लिए किए गए प्रमुख उपयोग-’स्कूल में राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन’- कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है। जब हम षिक्षा पर चर्चा कर रहे हैं तो मूल्य उससे अछूता कैसे रह सकता है? मूंल्य षिक्षा की आत्मा है और मूल्यपरक षिक्षा का दायित्व सबका है परिवार का भी, विद्यालय का भी और समाज का भी। परिवार और समाज अनौपचारिक मूल्यपरक षिक्षा का दायित्व निभाते हैं, किन्तु शिक्षक के कंधों पर का भार औपचारिक और अनौपचारिक मूल्यपरक षिक्षा का दायित्व से मुक्त नहीं हो सकता है। मूल्यपरक षिक्षा के क्रम में शिक्षक की जिम्मेदारी है कि वह विद्यार्थीयों को इतना सक्षम बनावे कि छात्र स्वयं मूल्यों की तलाशकर नैतिक निर्णय ले सकें। अब चाहे हम षिक्षा को जन्मजात शक्तियों का विकास करने की प्रक्रिया मानें, वैयक्तिक विकास की प्रक्रिया मानें, सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया मानें, सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया मानें या वातावरण के अनुकूलन की प्रक्रिया मानें, इन सभी दृष्टियों से षिक्षा से जीवनमूल्यों के साथ गहराई से सम्बद्ध है। यहाँ यह आवश्यक होगा कि मूल्य-परक षिक्षा पर चर्चा से पूर्व ’मूल्य क्या है, यह जान लें।
Published
2022-08-01
Section
Research Article
Copyright (c) 2022 Scholarly Research Journal for Humanity Sciences and English Language
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