पंचायत चुनाव 2021 में ग्रामीण मतदान व्यवहार

  • राजकुमार सिंह असि0 प्रोफेसर - राजनीति षास्त्र विभाग राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय फतेहाबाद, आगरा
Keywords: मतदान-आचरण, ग्रामीण राजनीति, राजनैतिक हवा, राजनैतिक प्रभाविता।

Abstract

ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक व राजनैतिक परिदृष्य में बदलाव तो आया है पर इतना भी नहीं कि ग्रामीण समाज का परम्परात्मक ढांचा बदल गया हो। जमीदारी व्यवस्था समाप्त हुई है। जमीदार अब परिदृष्य से बाहर हो गये हैं। जमीन अब उच्च जातियों से मध्यम जातियों को बेची जा रही है किन्तु यह प्रक्रिया बहुत धीमी है। जिसके चलते उच्च जातियों का गाँवों में आर्थिक प्रभुत्व अभी बना हुआ है। इसके अतिरिक्त उच्च जातियों के लोगों ने अन्य क्षेत्रों में निवेष कर अपनी आर्थिक स्थिति पहले से अधिक सुदृढ़ कर ली है। जजमानी व्यवस्था कमजोर हुई है। सेवक जातियाँ परम्परात्मक षर्तों पर सेवा करने से स्वतंत्र अवष्य हुई है जिससे उनकी परम्परात्मक स्थिति में कुछ सुधार भी आया है किन्तु अन्य जातियों की तुलना में उनकी आर्थिक स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। संषोधित पंचायतीराज व्यवस्था के लागू होने के साथ महिलाओं तथा अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों को विभिन्न स्तर पर पंचायतों व स्थानीय निकायों में बेहतर प्रतिनिधित्व मिला है और ग्रामीण राजनीति एवं विकास में उनकी साझेदारी भी बढ़ी है। फिर भी, ग्रामीण समाज में उच्च जातियों का दबदबा अभी भी बना हुआ है। कुल मिलाकर गांव का सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक परिदृष्य बदला तो है फिर भी ग्रामीण संरचना व षक्ति सन्तुलन में उच्च, मध्यम व निम्न जातियों की तुलनात्मक स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है।
Published
2021-10-31