दीनदयाल शोध संस्थानए चित्रकूट प्रकल्प के संदर्भ में आर्थिक स्वावलंबन का आधार
Keywords:
ग्रामीण विकासए स्वावलंबनए आर्थिक स्वावलंबनए दीनदयाल शोध संस्था
Abstract
नानाजी देखमुख एक प्रमुख समाज सुधारक एवं राजनेता रहे हैंए जिन्होंने दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना की तथा इस संस्थान के माध्यम से उन्होंने गाँव के विकास हेतु निष्काम भाव से कार्य किया। नानाजी ने ग्रामीण विकास के लिए चार सूत्र . शिक्षाए सदाचारए स्वावलंबन एवं स्वास्थ्य को प्रमुख माना है। प्रत्येक व्यक्ति शिक्षितए सदाचारीए स्वावलंबी व स्वस्थ्य होए इन्हीं उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए उन्होंने दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना की। यह संस्थान दीनदयाल जी के ष्एकात्म मानव दर्शनष् और गाँधी जी के ष्ग्राम.स्वराज्यष् के विचारों से साम्यता रखकर सतत ग्रामीण विकास हेतु कार्य कर रहा है। जिसकी सबसे बड़ी और महत्वकांक्षी परियोजना चित्रकूट प्रकल्प है। चित्रकूट एक धार्मिक क्षेत्र है जो मध्य.प्रदेश के सतना जनपद एवं उत्तर.प्रदेश के चित्रकूट जनपद के मध्य फैला है। संस्थान चित्रकूट परिधि के ग्रामीण अंचल में अनेक प्रकार के शैक्षणिकए रोजगारपरकए स्वास्थ्य एवं आचार.व्यवहार से संबंधित अनेक कार्य कर रहा है। संस्थान ने ग्रामीण अंचलों में अनेक स्कूलए अस्पताल व रोजगारपरक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की है। किसानों को उनकी कृषि संबंधी समस्याओं का निवारण तथा उन्नत खादए बीज एवं उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं से संबंधित अनेक आवश्यक जानकारी कृषि केंद्रों पर दी जाती है। इस प्रकार शिक्षाए स्वावलंबनए सदाचार एवं स्वास्थ्य पर कार्य करते हुए संस्थान ने ग्रामीण विकास का मॉडल प्रस्तुत किया है। उक्त शोध पत्र में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आर्थिक स्वावलंबन हेतु किए गए कार्यों की जो स्थिति चित्रकूट प्रकल्प के अंतर्गत प्राप्त हुई है उसके महत्त्व को प्रस्तुत किया गया है। अतरू संदर्भित शोध का उद्देश्य दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर लाभार्थियों के आर्थिक स्वावलंबन के स्तर का अध्ययन करना है। इसीलिए संदर्भित अध्ययन में वर्णात्मक शोध प्रारूप का प्रयोग मूल्यांकनात्मक अध्ययन दृष्टि से किया गया है। जिसके अंतर्गत शोध प्रविधि प्राथमिक स्त्रोतों पर आधारित है। इस तरह से प्रस्तुत शोध पत्र में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा चित्रकूट प्रकल्प में आर्थिक रूप से स्वावलंबी एवं सशक्त बनाने हेतु किए गए कार्यों की स्थिति को जाँचा गया है।
Published
2021-10-31
Section
Research Article
Copyright (c) 2022 Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies
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