माध्यमिक स्तर पर सामाजिक अध्यययन विषय के षिक्षण हेतु परम्परागत एवं नवाचार तकनीकों का विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियो की उपलब्धि एवं सृजनात्मकता पर प्रभाव का अध्ययन।

  • पूजा गुप्ता मार्गदर्षक, एसोसिएट प्रोफेसर (षिक्षा षास्त्र विभाग), मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार, चित्तोड़
  • बनवारी लाल मेहरा षोधार्थी, मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार, चित्तोड़
Keywords: .

Abstract

किसी भी विषय या अध्ययन की विष्वसनीयता वैधता व मनोवैज्ञानिक निष्कर्ष प्राप्त करने के लिए तथ्यों के आधार पर किया गया अध्ययन या खोज षोध कहलाता है। षोध के निष्चित उद्देष्य होते है। जिनकी सहायता से षोधकर्ता अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है तथा अध्ययन को अंतिम रूप प्रदान करता है। प्रस्तुत षोध कार्य षोधार्थी द्वारा उपरोक्त मूल्यों का पालन करते हुए किया है। इस षोध कार्य से आगामी षोध कार्यो के लिए सत्यता व षुद्धता में वृद्धि होगी। षिक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में ऐसे निष्कर्ष अत्यन्त मूल्यवान व उपयोगी होते है। यह षोध कार्य का अंतिम लेकिन आवष्यक बिन्दु होता है। अतः प्रस्तुत षोध ‘‘नवाचारों की प्रभावषीलता’’ जानने के लिए षोधार्थी व्यापक दृष्टिकोण एवं विष्लेषण का प्रयोग करते हुए संकलित किये गये आकड़ों के आधार पर निष्कर्ष एवं सुझाव का वर्णन किया है।
Published
2021-10-31