73वें संविधान संषोधन के पष्चात्् पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं का राजनैतिक सषक्तिकरण: मैनपुरी जनपद के विषेष संदर्भ में
Keywords:
learned helplessness, psychology, humans, relationship, family, behavior, depression
Abstract
पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी वर्तमान में ‘‘महिला सषक्तिकरण’’ के लिए एक सार्थक प्रयास है। महिला नेतृत्व पंचायतों में कम प्रतिस्पर्धा से आया है। महिलाओं की ग्रामीण विकास एवं सामाजिक सुधार व सषक्तिकरण की धारणा उत्साहवर्धक मानी जा सकती है। संचार माध्यमों के प्रति उनकी जागरूकता का स्तर निम्न होना अषिक्षा एवं कमजोर सामाजिक आर्थिक स्थिति से जुड़ा विषय है। महत्वाकांक्षा का अभाव भी इस सन्दर्भ में अन्तर्सम्बन्धी प्रतीत होता है। यदि महिला नेताओं/प्रधानों के उत्तरों को समग्र रूप में देखा जाय तो ग्रामीण स्तर पर महिलाओं का एक ऐसा नेतृत्व उभर रहा है जिससे इस आषा का संचार होता है कि अनुसूचित जाति महिला नेतृत्व की पंचायतों में प्रथम औपचारिक भागीदारी; आगे आने वाले समय में ज्यादा सजग एवं जागरूक नेतृत्व देने में सक्षम होगी। उत्तर प्रदेष की पंचायतों के लिये यह एक आषापूर्ण संकेत है। प्राथमिक आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि महिलाओं के आर्थिक जीवन में पंचायती राज संस्थाओं की सक्रियता एवं योगदान सराहनीय है। महिलाओं के आर्थिक जीवन में गुणात्मक सुधार लाने के लिए षासन की ओर से विभिन्न विकास योजनायें तथा कार्यक्रम संचालित हैं। जिसमें पंचायतीराज संस्थाएं 73वें संविधान संषोधन के उपरान्त अपनी त्रिस्तरीय व्यवस्था के अन्तर्गत अपने-अपने स्तरों पर अनुसूचित जाति की महिलाओं के राजनैतिक सषक्तिकरण में अहम भूमिकाएं निभा रही हैं।
Published
2022-05-01
Section
Research Article
Copyright (c) 2022 Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies
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