प्राथमिक विद्यालयों के सन्दर्भ में ‘शिक्षा का अधिकार’ अधिनियम (2009) में चिन्हित आधारभूत शैक्षिक संरचना का अध्ययन
Keywords:
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Abstract
भारतीय परम्पराओं के अनुसार परिवार प्राथमिक शिक्षा के केन्द्र होते हैं। माता बालक की सर्वप्रथम गुरू मानी जाती हैं जो बालक को शुभ संस्कारों की प्रेरणा देकर उसके व्यवहार को सामाजिकता प्रदान करती हैं। पिता भी माता के पश्चात् गुरु का कार्य करता हैं जो उसे शुभ कार्य की प्रेरणा देकर सदाचार के लिए प्रेरित करता हैं, यही से बालक की औपचारिक शिक्षा प्रारम्भ होती है।
Published
2022-09-01
Section
Research Article
Copyright (c) 2022 Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies

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