उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों में संवैधानिक साक्षरता के विकास में बाल संसद की भूमिका

  • हर्षवर्धन . . शैक्षणिक पी-एच.डी. शोधार्थी, शिक्षा विभाग, शिक्षा विद्यापीठ, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र)
  • सुहासिनी . बाजपेयी सहायक प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, शिक्षा विद्यापीठ, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र)
Keywords: उच्च प्राथमिक स्तर, संवैधानिक साक्षरता, बाल संसद

Abstract

प्रस्तुत शोध पत्र में उच्च प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों में संवैधानिक साक्षरता के विकास में बाल संसद की भूमिका का अध्ययन किया गया है। इस शोध अध्ययन के उद्देश्य उच्च प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों में संवैधानिक साक्षरता के विकास में बाल संसद संचालित एवं बाल संसद विहीन विद्यालयों की प्रभाविता का अध्ययन करना है एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में संवैधानिक साक्षरता के विकास में लिंग एवं क्षेत्र के आधार पर बाल संसद की प्रभाविता का अध्ययन करना है। प्रस्तुत शोध में जनसंख्या के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज जिले के नैनी एवं विकास खण्ड चाका में संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा-8 के अध्ययनरत सत्र 2021-2022 के विद्यार्थियों को चुना गया है तथा उद्देश्यपूर्ण विधि से प्रतिदर्श के रूप में 13 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से कुल 480 विद्यार्थियों का चयन किया गया है जिसमें बाल संसद संचालित विद्यालय के विद्यार्थियों की संख्या 237 एवं बाल संसद विहीन विद्यालय के विद्यार्थियों की संख्या 243 है। आंकड़ों का संकलन करने के लिए स्वनिर्मित संवैधानिक साक्षरता मापनी का निर्माण किया गया है तथा प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण एवं सार्थकता स्पष्ट करने के लिए विवरणात्मक सांख्यिकी का प्रयोग किया गया है। शोध निष्कर्ष में यह पाया गया कि संवैधानिक साक्षरता के विकास में बाल संसद संचालित एवं बाल संसद विहीन विद्यालय के विद्यार्थियों की अभिवृत्ति में सार्थक अंतर है। संवैधानिक साक्षरता के विकास में बाल संसद संचालित शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों एवं बाल संसद संचालित ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की अभिवृत्ति में सार्थक अंतर है। जबकि संवैधानिक साक्षरता के विकास में बाल संसद संचालित विद्यालय के लड़कों एवं लड़कियों की अभिवृत्ति में कोई सार्थक अंतर नहीं है।
Published
2022-09-01