आधुनिक युग में शिक्षण कौशलों के विकास में संवेग और बुद्धिमत्ता की भूमिका
Keywords:
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Abstract
भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर किए गए अध्ययनों नें कुछ प्रमुख शोध दिशाओं और कुछ अलग दृष्टिकोणों की घटना को चिन्हित किया है, जो इस क्षेत्र में विकास की पूरी प्रकिया में बढती रुचि को दर्शाता है। भावात्मक बुद्धिमत्ता शब्द को सबसे पहले लोगों से परिचित कराने वाले व्यक्ति वेन पायनें थे, परन्तु वे एक शोधार्थी थे इस कारण उनके विचार उनके शोध तक सीमित रह गए।1990 में येल विश्वविद्यालय के जॉन मेयर और पीटर सालोवी ने सर्वप्रथम सांवेगिक बुद्धि शब्द को अपनाया। बाद में दोनों नें मिलकर सांवेगिक बुद्धिमत्ता की अवधारणा को विकसित किया। इनके अनुसार भावात्मक बुद्धिमत्ता भावनाओं को उत्पन्न करने की क्षमता को निर्दिष्ट करती है ताकि ये समर्थन विचार, भावनाओं और उनके अर्थ को समझनें तथा भावनात्मक और बौद्धिक विकास में सुधार करने के लिए भावनाओं को कुशलतापूर्वक नियंत्रित कर सकें। जॉन मेयर और पीटर सालोवी ने इन क्षमताओ को चार कारकों में विभाजित किया –
Published
2023-01-01
Section
Research Article
Copyright (c) 2023 Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies
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