गढ़वाल मंडल के उच्च माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के घरेलू वातावरण का अध्ययन

  • सुषमा . षोधार्थी षिक्षा संकाय, कुमाऊँ विष्वविद्यालय,नैनीताल
  • ममता असवाल सहायक प्राध्यापक, षिक्षा संकाय, कुमाऊँ विष्वविद्यालय,नैनीताल
Keywords: घरेलू वातावरण, विद्यार्थी

Abstract

प्रत्येक बालक का जन्म एक निष्चित स्थान तथा निष्चित समय पर होता है। उसका पालन-पोषण भी एक निष्चित वातावरण में होता है। बालक विकास में विषिष्ट क्रियाओं का समय निष्चित होता है। ”बालक के विकास की प्रथम सीढ़ी पारिवारिक वातावरण है, क्योंकि बालक के विकास में परिवार व विद्यालय दोनों ही भूमिका अदा करते हैं, परन्तु विद्यालय से भी अधिक महत्वपूर्ण बालक की पहली संस्था परिवार है, जोकि बालक का सर्वांगीण विकास करती है तथा बालक के लिए षारीरिक, मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक तथा सीखने का वातावरण प्रदान करती है“ (षर्मा 2012)। प्रस्तुत अध्ययन का उद्देष्य “गढ़वाल मंडल के उच्च माध्यमिक स्तर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के घरेलू वातावरण का अध्ययन” करना है। अध्ययन क्षेत्र के रूप में उत्तराखण्ड राज्य के पौड़ी जनपद के जयहरीखाल, कल्जीखाल, दुगड्डा, और एकेश्वर ब्लॉक का चुनाव किया गया। प्रस्तुत अध्ययन सर्वेक्षण विधि से किया गया तथा न्यादर्ष में 200 विद्यार्थियों का चयन किया गया। आंकड़ों के विष्लेषण एवं व्याख्या के लिए सांख्यिकी के रूप में मध्यमान, मानक विचलन एवं टी-टेस्ट का प्रयोग किया गया। अध्ययन के निष्कर्ष के रूप में विद्यार्थियों में लिंग एवं षैक्षिक वर्ग के आधार पर घरेलू वातावरण में सार्थक अन्तर पाया गया है।
Published
2023-01-01