सोषल मीडिया : एक परिचय
Keywords:
पारिभाशिक षब्दावलीः संचार माध्यम, सोषल मीडिया, सामाजिक परिवर्तन, बहुआयामी।
Abstract
सोषल मीडिया वर्तमान जीवन पद्धति का एक अभिन्न अंग बन चुका है। सोषल मीडिया के कारण अन्तर्राश्ट्रीय स्तर पर व्यक्तियों को अति निकट ला दिया है। सामाजिक परिवर्तन की दृश्टि से सेषल मीडीया ; जनसंचार साधनों में सर्वाधिक प्रभावषाली एवं सषक्त साधन है जिसने ग्रामीण तथा नगरीय समुदायों पर बहुआयामी प्रभाव डाले हैं एवं समाज एवं सामाजिक संरचना में आमूल चूल परिवर्तन किए हैं। प्रातः जागरण से प्रारम्भ्स होकर रात्रि विश्राम तक मनुश्य का मस्तिश्क सोषल मीडिया के ज्वर से मुक्त नहीं रहता है।‘बच्चे कल का भारत हैं’’ भला पण्डित नेहरूजी के ये षब्द किसे स्पन्दित नहीं करते। यह निर्विवाद सर्व स्वीकार्य तथ्य है कि ‘‘ सोषल मीडिया ’’ आधुनिक संचार साधनों में मनोरंजन का सबसे सषक्त, प्रभावी, महत्वपूर्ण एवं अत्याधुनिक साधन ही नहीं है अपितु सबसे सस्ता एवं हर समय उपलब्ध साधन है और सामाजिक परिवर्तन का एक सषक्त माध्यम भी है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव व्यक्ति, परिवार तथा समाज पर पड़ रहा है। समाज का हर वर्ग बाल हो अथवा वृद्ध, नर हो अथवा नारी, मजदूर हो अथवा किसान, षिक्षित हो अथवा अषिक्षित, सेवारत हो अथवा असेवारत, समाज का हर वर्ग तथा प्रत्येक प्राणी संचार माध्यमों में सोषल मीडिया से कुछ अधिक ही जुड़ता जा रहा है क्योंकि उसे घर बैठे ही देष-विदेष के समाचार मिल जाते हैं। यहां तक कि जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बनता जा रहा है। प्रातः काल उठने से लेकर रात्रि में विश्राम तक सोषल मीडिया से जुड़ा रहता है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति आज व्यस्त जो है। अतः थकान दूर करने के लिए मनोरंजन करना चाहता है।
Published
2023-01-01
Section
Research Article
Copyright (c) 2023 Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies
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