उच्चतर माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् शहरी और ग्रामीण विद्यार्थियों के आध्यात्मिक मूल्यों का तुलनात्मक अध्ययन
Keywords:
आध्यात्मिक मूल्य (परोपकारी मूल्य, मानवतावादी मूल्य, व्यक्तिगत मूल्य, ईष्वरीय मूल्य, भावात्मक मूल्य)
Abstract
आज के प्रौद्योगिकी व वैज्ञानिक युग में षिक्षा के प्रसार के उपरान्त विद्यार्थियों के मूल्यों में गिरावट देखने को मिलती है। वर्तमान युग में विद्यार्थियों में आध्यात्मिक मूल्यों का अभाव होने के कारण उनके मानसिक व भौतिक विकास पर प्रभाव पड़ रहा है। आध्यात्मिक मूल्य विद्यार्थी जीवन के प्रत्येक पक्ष को प्रभावित करते है। आध्यात्मिक मूल्यों के द्वारा विद्यार्थी स्वयं का विकास करते है एवं स्वयं को पहचानते हैं। विद्यार्थियों को विद्यालय में षिक्षा के माध्यम से आध्यात्मिक मूल्यों के लिए प्रेरित किया जा सकता है। षिक्षा के द्वारा विद्यार्थियों में आध्यात्मिक मूल्य का विकास होता है तथा आध्यात्मिक मूल्यों के द्वारा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास होता है। विद्यार्थियों के जीवन में मूल्यों का बहुत अधिक महत्त्व है। अनुसंधान कर्त्ता ने सम्बंधित साहित्य का अध्ययन किया तो पाया कि विद्यार्थियों में दोनों प्रकार के सकारात्मक व नकारात्मक तथा उच्च व निम्न आध्यात्मिक मूल्य का स्तर पाया गया। अनुसंधान कर्त्ता ने अपने अध्ययन में षहरी और ग्रामीण विद्यार्थियों के आध्यात्मिक मूल्यों का तुलनात्मक अध्ययन किया है। जिसमें अनुसंधान कर्त्ता ने न्यादर्ष के रूप में उ0 प्र0 बोर्ड के द्वारा संचालित जनपद-मेरठ के 346 विद्यालयों में से लॉटरी विधि का प्रयोग करके 4 विद्यालयों का चयन किया, उसके बाद अनुसंधान कर्त्ता ने सरल यादृच्छिक न्यादर्ष विधि का प्रयोग करते हुए सभी विद्यालयों से कुल 80 विद्यार्थियों (40 छात्र व 40 छात्राएं) जिनमें दो शहरी विद्यालयों से 20 छात्र व 20 छात्राएं तथा दो ग्रामीण विद्यालयों से 20 छात्र व 20 छात्राएं का चयन किया गया। अनुसंधान कर्त्ता ने अनुसंधान में वर्णात्मक सर्वेक्षण विधि के अन्तर्गत तुलनात्मक अनुसंधान विधि का प्रयोग किया है तथा प्रदत्तों के संकलन के लिए अनुसंधान कर्त्ता ने प्रमाणीकृत उपकरण फोजिया नजम, प्रो. अकबर हुसैन और डॉ0 एस0 एम0 खान द्वारा निर्मित ‘‘आध्यात्मिक मूल्य मापनी’’ का प्रयोग किया गया है। प्रदत्तों के विष्लेषण के लिए अनुसंधान कर्त्ता ने मध्यमान, मानक विचलन, टी-मान एवं ैच्ैै 2.0 सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया है। जिसके परिणाम के रूप में यह प्राप्त हुआ कि शहरी और ग्रामीण विद्यार्थियों के आध्यात्मिक मूल्यों के मध्य कोई सार्थक अन्तर देखने को नही मिला है, षहरी छात्र और छात्राओ के आध्यात्मिक मूल्यों के मध्य कोई सार्थक अन्तर नही मिला, ग्रामीण छात्र और छात्राओं के आध्यात्मिक मूल्यों के मध्य सार्थक अन्तर देखने को मिला जिसमें ग्रामीण छात्राओं के आध्यात्मिक मूल्य ग्रामीण छात्रों की अपेक्षा अधिक है। शहरी और ग्रामीण छात्रों के आध्यात्मिक मूल्यों के मध्य सार्थक अन्तर देखने को मिला, जिसमे शहरी छात्रों के आध्यात्मिक मूल्य ग्रामीण छात्रों की अपेक्षा अधिक है। शहरी और ग्रामीण छात्राओं के आध्यात्मिक मूल्य में 0.05 स्तर पर सार्थक अन्तर देखने को मिलता है जिसमे ग्रामीण छात्राओं के आध्यात्मिक मूल्य षहरी छात्राओं की अपेक्षा अधिक है तथा 0.01 स्तर पर षहरी और ग्रामीण छात्राओं के आध्यात्मिक मूल्य में कोई सार्थक अन्तर देखने को नही मिला है।
Published
2021-03-25
Section
Research Article
Copyright (c) 2021 Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies
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