भारत की भूसंरचना - एक संक्षिप्त परिचय
Keywords:
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Abstract
भारत एक विविधता पूर्ण देश है। यहाँ के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति, भाषा, वेषभूषा, जलवायु और भूसंरचना एक दूसरे से अलग तथा समृद्ध है जिस पर वहाँ की भौगोलिक स्थित का गहरा प्रभाव होता है । भौगोलिक दृष्टि से भारत को हम निम्नलिखित पांच भागों में विभाजित कर सकते हैं। पहला भाग उत्तर के पर्वतीय प्रदेश हैं, जो पश्चिम से पूर्व की ओर समानान्तर उत्तंग श्रेणियों के रूप में फैले हुये हैं इसे एक्स्ट्रा पेनिन्सुलर पार्ट या हिमालय के नाम से जाना जाता है| दूसरा भाग दक्षिण का त्रिभुजाकार प्रायट्वीप या पठार है जो पेनिन्सुलर पार्ट कहलाता है और समुद्र तक फैला है। तीसरा भाग जो पहले दो भागों के मध्य में स्थित है, गंगा जमुना का मैदान या इन्डोगैन्जेटिक प्लेन कहलाता है। चौथा भाग अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के किनारे के संकीर्ण समुद्री मैदान हैं जिन्हें वेस्टर्न तथा इस्टर्न घाट कहते हैं | पाँचवा भाग राजस्थान का रेगिस्तान तथा उसके दक्षिण पश्चिम में स्थित कच्छ का रण है | इन पाँचों भागों की भूवैज्ञानिक रचना, उत्पत्ति व वहाँ पाये जाने वाले विभिन्न खनिज पदार्थों का संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत है।
Published
2013-07-24
Section
Research Article
Copyright (c) 2013 Anusandhan Vigyan Shodh Patrika
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