एक्वेरियम ब्रायोफाइट्स

  • उदय शंकर अवस्थी वनस्पति विज्ञान विभाग, बी0 एस0 एन0 वी0 पी0जी0 कॉलेज, स्टेशन रोड, चारबाग लखनऊ(उ0 प्र0)-22600, भारत
Keywords: .

Abstract

ऐक्वेरियम में लगाये जाने वाले हरे पौधे आक्सीजन देने के अलावा मछलियों के छुपने तथा अण्डे देने का स्थान प्रदान करते हैं। क्रलत रक्वेटिक मॉसेज यह कार्य बखूबी करते हैं और एक्वेरियम की सुन्दरता को भी बढाते हैं(बेन्‍ल, 958)। इसे और खूबसूरत बनाने के न न लिये पानी में कई दिन की भीगी लकड़ी बिना छाल की अच्छे से धूप दिखाने के बाद एक्वेरियम में डालते हैं और उस पर मॉस को धागे या नेट के सहारे बांध देते हैं। एक्वेरियम की दुकानो पर यह ड्रिफ्ट वुड के नाम से मिलती है| एक्वेरियम ब्रायोफाइट्स को पत्थर पर या एक्वेरियम के खिलौनों पर भी उगाया जा सकता हैं| मास की समय-समय पर छंटाई आवश्यक होती है। अन्य एक्वेटिक मॉँस की तुलना मे वास्तविक जावा मॉस टैक्सीफिलम बाराबियरी अधिक अच्छे से और आसानी से उगता है। परन्तु अक्सर इस मॉस की गलत पहचान केसीकुलेरिया डूक्षियाना नाम से की जाती है (तान तथा अन्य, 2004)। जावा मॉस को किसी विशेष देख भाल की जरूरत नहीं होती | मृदुजल के अलावा हल्के खारे पानी में और हर प्रकार की रौशनी में भी ये आसानी से बढते रहते हैं| 27-24 डि0 से० अनुकूल तापमान है जिस पर यह अच्छे से बढते हैं वैसे यह 32 डि0 से० तक तापमान सह लेते हैं [इनके लिये 5.5-8 पीएच(एान) की अनुकूल रेन्‍ज है। जावा मॉस से मॉस की दीवाल भी बनाई जा सकती है इसके लिये जाल पर इसे बराबर से फैलाते हैं जिससे फिर वह आसानी से चिपक कर बढता है| इस जाल को “सकक्‍्शन करप्स की मदद से एक्वेरियम की “इनफ्यूसोरिया" की ग्रोथ मे सहायक होता है जो नये जन्मे मछली के बच्चों का पहला प्रिय दीवाल पर लगा देते हैं। जावा भोजन है | इसकी पत्तियां मछली के छोटे बच्चों के लिये भोजन का कार्य करती हैं। इन पौधों में गंदगी एकत्रित होती रहती है अतः इन्हें एक्वेरियम से निकाल कर साफ कर लेना चाहिए।
Published
2013-07-24