विज्ञान शिक्षण और साईदून्स

  • सन्तोष कुमार शर्मा अतिथि प्रवक्‍ता, वनस्पति विज्ञान विभाग, शासकीय राजीव गाँधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मंदसौर(म0 प्र0)-458004, भारत
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Abstract

शिक्षा जीवन का आधार है। यह वाक्य सामान्यतः औपचारिक स्कूली शिक्षा के संदर्भ में कहा जाता है । इस बात की प्रासंगिकता हमेशा से रही है कि किस पद्धति का उपयोग शिक्षा प्रदान करने के लिये किया जाये जो प्रभावी सिद्ध हो। विज्ञान-शिक्षण में यह प्रश्न और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जिसका कारण विज्ञान शिक्षण की स्वाभाविक जटिलता है। शिक्षाविदों का मानना है कि विद्यार्थी उस विषय सामग्री को सहज याद रख सकते हैं जो पठनीय होने के साथ साथ ही दर्शनीय तत्वों को भी समाविष्ट करती हो। यही कारण है कि अक्सर विज्ञान तथा अन्य विषयों में ग्राफ्स, चार्टस, इत्यादि के द्वारा सूचनाएं प्रेषित की जाती हैं। विज्ञान के सैद्धांतिक विषयों में सूचनाओं को रेखाचित्रों एवं चित्रों के माध्यम से आसानी से संप्रेशित किया जा सकता है। कक्षाओं में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिये शिक्षकों एवं शिक्षाविदों द्वारा विभिन्‍न नये और रोचक प्रयोग किये जाते रहे हैं, उदाहरण के लिये, चार्ट्स और मॉडल्स का प्रयोग।
Published
2013-07-24