भावनाये व हृदघात की सम्भावनायें

  • एस0 सी0 शुक्ल पूर्व अध्यक्ष, प्राणि विज्ञान विभाग तथा पूर्व प्राचार्य, बी0 एस0 एन0 वी0 पी0 जी0 कॉलेज, लखनऊ-22600, भारत, पता : ए-04, इन्दिरा नगर, लखनऊ- 22606, भारत
Keywords: .

Abstract

भावनायें किसी भी जीव व उनके पर्यावरण के बीच निरन्तर होने वाली व हो रही अन्योन्य क्रियाओं द्वारा प्रदर्शित हुआ करती हैं। निम्न श्रेणी के जन्तुओं की अपेक्षा मानव जाति में ये जल्दी प्रदर्शित होती दिखाई पड़ती हैं। मानव जाति का अन्य जीवों की अपेक्षा अधिक विकास हो जाने के कारण उसका पर्यावरण भी अधिक जटिल हो जाता है| साधारण जीवों की अपेक्षा भौतिक पर्यावरण के कारक मनुष्यों को यद्यपि कम प्रभावित करते हैं परन्तु उनके सामाजिक, मनौवैज्ञानिक व जैविक पर्यावरण के कारकों का उन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हमारे मनो सामाजिक पर्यावरण की निरन्तर बढ़ रही जटिलता हमारे शरीर नियंत्रण तंत्र को विभिन्‍न प्रकार से अलग-अलग रूपों में अलग-अलग ढंग से प्रभावित किया करती है। यही नियंत्रण हमारे मस्तिष्क में स्थित अधिश्चेतक (हाइपोथैलमस) के माध्यम से हमारे शरीर की अनैच्छिक क्रियाओं तथा अंगों की कार्यविधि के नियंत्रण के साथ-साथ हमारी भावनाओं का भी नियंत्रित करता है।।
Published
2013-07-24