नगरीय व राजमार्गो के लिए उपयोगी वृक्ष

  • मोहित तिवारी जीव विज्ञान विभाग, लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज, लखनऊ-226048, भारत
  • मोहित तिवारी जीव विज्ञान विभाग, लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज, लखनऊ-226048, भारत
  • प्रतिभा गुप्ताँ भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार, सी0० एन0 एच0 भवन, वनस्पति उद्यान, हावड़ा(पश्चिम बंगाल)-74॥03, भारत
  • आईजेक विलियमा भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार, सी0० एन0 एच0 भवन, वनस्पति उद्यान, हावड़ा(पश्चिम बंगाल)-74॥03, भारत
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Abstract

मार्गों पर वृक्ष लगाने की परम्परा भारत में प्राचीन काल से ही चली आ रही है| भारतीय जन-मानस ने वनों व वृक्षों का महत्व हजारों वर्ष पूर्व ही समझ लिया था। सम्पूर्ण विश्व में आज वृक्षों और वनों के संरक्षण की बात हो रही है परन्तु हम भारतीय तो प्राचीन काल से ही इनके महत्व को समझते थे। वृक्षों के महत्व को प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से सामान्य जन को समझाने के लिए या तो उन्हें देवी-देवताओं से सम्बन्धित बताया गया था फिर उन्हें किन्हीं अन्य कारणों से पूजनीय बताकर उनके काटने व हानि पहुँचाने को प्रतिबन्धित कर दिया गया| इस प्रकार वृक्षों का संरक्षण आसान हो गया। यहाँ तक कि भारतीय वास्तुशास्त्र भी कौन सा पेड़ कहाँ और किस दिशा मेँ लगाया जाये, इस विषय मेँ विस्तृत विवरण देता है, जो अंधविश्वास पर नहीं, वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित होता है। मार्गों में कौन से वृक्ष कहाँ और कैसे लगाये जायें, इसका निर्णय भी हमारे प्राचीन ग्रन्थ सन्दर्भों से लेकर आज के वैज्ञानिक शोधों तक वृक्षों के आकार, प्रकार, मजबूती, सघनता, जीवनकाल एवं उपयोगिता को आधार बनाकर ही किया जाता है।
Published
2013-07-24