नगरीय सीमा से निकटस्थ गाँव में जातिगत कट्टरता में कमी

  • अखिलेश कुमार पाण्डेय असिस्टेंट प्रोफेसर (समाजशास्त्र विभाग) श्री सुदृष्टि बाबा पी0 जी0 कालेज सुदिष्टपुरी-रानीगंज, बलिया (उ0 प्र0)
Keywords: नगरीय, समाजिक असमानता, जातिवादी, स्तरीकरण, औद्योगीकरण।

Abstract

नगरों की उत्पत्ति कब और कहाँ हुई, यह निश्चित रुप से बताना तो कठिन है, परन्तु यह निश्चित है कि नगरीय सभ्यता का इतिहास बहुत पुराना है। हड़प्पा और मोहनजोदड़ों की नगरीय सभ्यता और संस्कृति हमें बताती है कि भारत में ईसा पूर्व ही नगरों की स्थापना हो चुकी थी। इस तथ्य से विद्वान सहमत है कि हड़प्पा संस्कृति एक मौलिक संस्कृति थी और इसके निर्माता द्रविण थे। द्रविड़ों को नगरीय सभ्यता के विकास का जनक माना जाता है। पहली शताब्दी के मध्य भारत में नगरों का विकास तेजी से होने लगा था। सबसे बड़ा नगर पाटलिपुत्र (अब पटना) था। वह गंगा के तट के साथ कई किलोमीटर तक फैला हुआ था। नगर के विकास के साथ जहाँ मानव समाज की क्षमता, योग्यता और परिपक्व बुद्धि का इतिहास जुड़ा है, वही उत्पादन के विकसित मानवीय साधनों का इतिहास भी समाहित है। अनेक समाजशास्त्रियों और इतिहासवेत्ताओं ने नगर की उत्पत्ति पर शोधपूर्ण कार्य किये है। वे विभिन्न तथ्यों के माध्यम से नगरों की उत्पत्ति के काल को स्थापित करना चाहते हैं।

Published
2022-06-06