ग्रामीण वंचित महिलाओं के सशक्तिकरण में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की भूमिका-बस्ती जनपद के विशेष संदर्भ में
Abstract
वर्तमान आधुनिक युग में बराबरी समाज का प्रमुख लक्ष्य है और बहुत से आंदोलन, अधिनियम व योजनाएं इन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जुड़ी हैं। वैश्विक समाज से लेकर भारतीय समाज तक में आधी आबादी जेंडर की सामाजिक असमानता के चलते आय, संपत्ति, व्यवसाय, शिक्षा, और शक्ति से एक बड़े कालखंड से वंचित है, ग्रामीण भारत इसका सजीव चित्रण है। दुनिया भर के देशों में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रसार के चलते 1975 के दशक में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए वैश्विक स्तर से भारतीय स्तर तक अनेकानेक प्रयत्न हुए। इन्हीं में उल्लेखनीय है पंचायती राज व्यवस्था एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005। इनके द्वारा ग्रामीण वंचित महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित होने और उन्हें राजीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सक्षमता प्रदान करने का निरंतर प्रयत्न हो रहा है।