कालिदास एवं दाम्पत्य

  • मोहित कुमार यादव शोधछात्र- संस्कृत, वी.ब. सिंह पूर्वांचल वि.वि., जौनपुर
  • सीमा सिंह एसो.प्रोफे. एवम् अध्यक्ष: संस्कृत राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय, सिंगरामऊ, जौनपुर (उ.प्र.)

Abstract

निखिल कवि चक्रचूड़ामणि कवि कुल गुरू नाटककार कालिदास भारतीय साहित्य के जाज्वल्यमान रत्न हैं। काव्य मर्मज्ञों ने इन्हें कविता कामिनी का विलास कहा है। और प्राचीन कवियों की गणना में इन्हें कनिष्ठकाधिष्ठित बताकर उनकी तुलना में ठहराने वाले किसी अन्य प्रतिस्पर्धी कवि के  अस्तित्व की सम्भावना का प्रत्याख्यान किया है-

        पुरा कवीनां गणना प्रसंगेकनिष्ठिकाधिष्ठित कालिदासा।

        अद्यापि तत्तुल्य कवेरभावादनामिका सार्थवती बभूव।।1

Published
2022-06-06