ग्रामीण भारत में जाति-वर्ग एवं राजनीति का समाजशास्त्रीय विश्लेषण

  • पवन कुमार पाण्डेय असिस्टेंट प्रोफेसर, समाजशास्त्र विभाग, आचार्य नरेन्द्र देव किसान पी.जी. कालेज, बभनान, गोण्डा (उ.प्र.)
  • प्रेम प्रकाश पाण्डेय असिस्टेंट प्रोफेसर, समाजशास्त्र विभाग, आचार्य नरेन्द्र देव किसान पी.जी. कालेज, बभनान, गोण्डा (उ.प्र.)

Abstract

ग्रामीण सामाजिक संरचना के सामाजिक-आर्थिक, राजनीतिक संरचना में निरन्तर परिवर्तन हो रहा है। किसी भी समाज में होने वाला आर्थिक, सामाजिक या राजनीतिक परिवर्तन उस समय तीव्र गति से होता है जब परिवर्तन के वाह्य कारक एवं आंतरिक कारक आपस में तालमेल बनाकर अंतःक्रिया करते हैं। औद्योगीकरण, नगरीकरण, प्रौद्योगिकी का विकास, यातायात एवं संचार के साधन, प्रजातंत्रीकरण, शिक्षा का प्रसार एवं वैश्वीकरण आदि ऐसे कारक हैं, जो ग्रामीण सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं।

Published
2021-12-06