आधुनिक भारतीय परिवेश में परम्परा एवं परिवर्तन
Abstract
परिवर्तन की प्रक्रिया से दुनिया का कोई समाज अछूत नहीं रहा है, भारतीय सामाजिक व्यवस्था में भी समय के साथ अनेकानेक परिवर्तन हुए है। स्वतंत्रता के पश्चात् भारत में छः दशक के पश्चात् कृषि के साथ उद्योगों में क्रान्ति देखी जा सकती है। आत्मनिर्भता, उत्पादकता, उद्यमशीलता में उत्तरोत्तर वृद्धि देखी जा सकती है। गाँव एव नगर के बीच दूरी कम होना, गाँव से एक बड़े वर्ग का पलायन तथा नगर और गाँव की संस्कृति का एक-दूसरे के साथ प्रसार कहीं न कहीं प्राचीन परम्परा में परिवर्तन को दृष्टिगत करता है। शिक्षा नीति मे परिवर्तन, रोजगार में वृद्धि, स्वास्थ्य की दिशा, बेहतर प्रयास, स्त्री-पुरूष असमानता जैसे विचारों में परिवर्तन कहीं न कही आधुनिक विचारों की देन कही जा सकती है। भारतीय समाज में अभी तक जो भी परिवर्तन हुए है, उनकी गति एवं दिशा में विविधता देखी जा सकती है। जीवन के विभिन्न रूपों में आधुनिकता का प्रभाव देखा जा सकता है, किन्तु आज भी अधिकांश परम्परागत आदर्शों का भी अनुपालन किया जा रहा है जिसकी वर्तमान समाज में कोई प्रासंगिता नहीं दिखाई पड़ती है।