ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण

  • रवि कुमार चौरसिया असि. प्रोफेसर: संस्कृत विभाग का.सु. साकेत पी.जी. कॉलेज, अयोध्या (उ.प्र.)

Abstract

प्राचीनकाल से ही भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के विकास में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसका प्रारम्भिक स्वरूप हमें वैदिक संहिताओं से प्राप्त होता है, जहां पर नारी के अनेक रूपों का वर्णन किया गया है। धर्मशास्त्रों में भी नारी के प्रति प्रशंसा युक्त विचार व्यक्त किए गये हैं। मनुस्मृति में तो स्पष्ट कहा गया है कि जहां स्त्रियों की पूजा होती है वहां देवता रमण करते हैं तथा जहां स्त्रियों की पूजा नहीं होती है वहां के सभी कार्य व्यर्थ हो जाते हैं।

Published
2021-12-06