तुलसी एवं युग सन्दर्भ
Keywords:
एकेश्वरवाद, एकात्मवाद, समन्वयवाद
Abstract
तुलसीदास जी का समस्त साहित्यिक चिंतन अपने समय और समाज का जीवंत दस्तावेज है। उन्होंने अपने चिंतन के माध्यम से मध्यकालीन परिस्थितियों को उकेरा है साथ ही जनमानस के बीच समन्वय का मार्ग प्रस्तुत किया। संसार को जानने की बात लेकर तुलसीदास कविता में प्रवृत्त होते हैं। इससे आगे बढ़कर एक आम मनुष्य की बात करते हैं, और इसे आदर्श मनुष्य तक पहुँचाते हैं।
Published
2021-12-06
Section
Articles