सनातन संस्कृति में पर्यावरणीय चेतना
Abstract
कर्मकाण्ड प्रधान ब्राह्मण ग्रन्थों में मुख्यतः यज्ञों का निरूपण और इनकी अनुष्ठान् विधियों का वर्णन है। शतपथ ब्राह्मण (1/7/1/5) में यज्ञ को प्रजापति और प्रजापति को ब्रह्म कहा गया है। इससे स्पष्ट होता है कि यज्ञ और ब्रह्म दोनों एक हैं अर्थात् ब्रह्म के प्रतिपादक ग्रन्थ होने के कारण ही उन्हें ब्राह्मण नाम दिया गया है।
Published
2021-12-06
Section
Articles