महाकवि महेश कृत ‘जनरामायन’

  • परेश कुमार पाण्डेय एसो.प्रो. हिन्दी विभाग का.सु. साकेत पी.जी. कालेज, अयोध्या

Abstract

राम भारतीय संस्कृति के पर्याय एवं मूलाधार हैं। देश के अनेक महान चरित्रों में वे अन्यतम हैं। यहाँ की सनातन संस्कृति ने समय-समय पर उनके चरित्र का रूपायन एवं गायन किया है- ‘हरि अनंत हरि कथा अनंता।’ वे मर्यादा-पुरुषोत्तम के रूप में यहाँ के जन-मन में रमे हुए हैं। राम की जनप्रिय, लोकप्रिय कथा हिन्दी-प्रदेश की विविध उपभाषाओं व बोलियों में ही नहीं अपितु विदेशों में भी लोकप्रिय रही है।

Published
2021-12-06