प्रभा खेतान के उपन्यासों में पारिवारिक, आर्थिक एवं धार्मिक समस्याओं का विवेचन

  • अर्चना श्रीवास्तव शोधछात्रा-लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय नगर (उ.प्र.)
Keywords: निःशब्द, अत्याचार, स्वतन्त्रता, पारिवारिक समस्या, अन्धविश्वास, आर्थिकाभाव, शोषण, दूसरी स्त्री।

Abstract

प्रभा खेतान ने पारिवारिक समस्याओं को प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट किया है कि नारी का जीवन परिवार में यातनाओं से पूर्ण होते हुए भी वह निःशब्द समस्या युक्त जीवन को जीती रहती है। पारिवारिक समस्याओं के कारण बहुत सी स्त्रियाँ आत्महत्या तक कर लेती हैं और बहुत सारी स्त्रियाँ इन अत्याचारों को निःशब्द होकर सहती रहती हैं। प्रभा खेतान का मानना है कि आर्थिक रूप से समृद्ध बनकर ही स्त्री अपना स्वतन्त्र अस्तित्व स्थापित कर सकती है। इस सत्य को उन्होंने अपने कई उपन्यासों में व्यक्त किया है। धर्म की आड़ में स्त्रियों के हो रहे शोषण को प्रभा खेतान ने अपने साहित्य में बखूबी प्रस्तुत किया है। उन्होंने मारवाड़ी समाज में व्याप्त अन्धविश्वासों को प्रस्तुत किया है।

Published
2021-12-06