सिंचाई सुविधाओ ं के विस्तार के फलस्वरूप परिवर्तित भू-उपयोग प्रतिरूप का भौगोलिक अध्ययन (हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील के विशेष संदर्भ में)

  • ध्रुव पूनिया शोधार्थी, भूगोल विभाग, राजकीय लोहिया महाविद्यालय, चूरु (राजस्थान)
  • डॉ. एम. एम. शेख सह-आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, राजकीय लोहिया महाविद्यालय, चूरु (राजस्थान)
Keywords: भिमि उपयोग प्रतिरूप, हरित क्रान्ति, भूमि संसाधन, नोहर तहसील

Abstract

भारत एक कृषि प्रधान राष्ट्र है तथा पुरातन काल से ही इस देश में कृषि का महत्व सर्वाधिक रहा है। कृषि की महत्ता को भारत के संदर्भ में इस तथ्य के आधार पर भी भली-भांति समझा जा सकता है की देश के कुल क्षेत्रफल के लगभग 42 प्रतिशत भू-भाग पर कृषि कार्य किया जाता है तथा देश की कुल आबादी का लगभग 42 प्रतिशत हिस्सा कृषि एवं इससे संबन्धित कार्यों में संलग्न पाया जाता है। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि जीविकोपार्जन का एक महत्वपूर्ण आधार है। हरित क्रान्ति के फलस्वरूप देश में कृषि क्षेत्र में तकनीकी एवं प्राविधिकी को बढ़ावा मिला जिसके फलस्वरूप कृषि में यंत्रीकरण के उपयोग में वृद्धि हुई परंतु वर्तमान समय तक भी देश के अधिकांश हिस्से पूर्णतया तकनीक से नही जुड़ सके है तथा देश के अधिकांश राज्यों में आज भी परंपरागत तौर-तरीकों से कृषि की जा रही है। भारतीय कृषि के संदर्भ में दुसरी महत्वपूर्ण बात यह है की देश में नियोजित कृषि का अभाव पाया जाता है तथा मानसूनी वर्षा पर निर्भरता के कारण देश में सिंचाई का महत्व और अधिक बढ़ा जाता है विशेषकर देश के उत्तर पश्चिमी राज्यों में सिंचाई के बिना कृषि विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। राज्य के उत्तरी भाग में स्थित हनुमानगढ़ जिला राज्य के समस्त 33 जिलों में अपना विशिष्ट महत्व रखता है तथा नहरी तंत्र के आगमन के पश्चात क्षेत्र के कृषि भूमि उपयोग प्रतिरूप में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले है। प्रस्तुत शोध-पत्र में जिले की नोहर तहसील में सिंचाई सुविधाओं के आगमन के पश्चात कृषि भूमि उपयोग प्रतिरूप में आए परिवर्तनों का विश्लेषणात्मक अध्ययन करने का प्रयास किया गया है।
Published
2023-01-30
How to Cite
पूनियाध., & शेखड. ए. ए. (2023). सिंचाई सुविधाओ ं के विस्तार के फलस्वरूप परिवर्तित भू-उपयोग प्रतिरूप का भौगोलिक अध्ययन (हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील के विशेष संदर्भ में) . International Journal of Innovative Research in Science,Engineering and Technology, 12(01), . https://doi.org/10.15680/IJIRSET.2023.1201093